इस प्रकार स्वस्थ आंत के लिए आपके आहार में विभिन्न प्रकार के अनाज, फल और सब्जियां इत्यादि को शामिल करना चाहिए। इस लेख में आँतों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं –फाइबर सेवन बढ़ाएं
फाइबरयुक्त आहार के सेवन से विभिन्न सूक्ष्म जीवों के विकास को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है। इसमें फल, सब्जियां, सेम, मसूर, अनाज और नट्स शामिल हैं ।फाइबर कब्ज को रोकने में मदद करता है और कैंसर के खतरे को भी कम करता है ।पेट में गैस और सूजन को रोकने के लिए फाइबर का सेवन बढ़ाने और भोजन के साथ प्रचुर मात्रा में पानी पीएं ।रोज 3-4 लीटर पानी पिएं
अगर आप फाइबर की अधिक मात्रा में लेते हैं और इसके साथ पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं तो आपकी आंतों को नुकसान हो सकता है। इसलिए इन स्वस्थ अनाज और सब्जियों के साथ पानी की उचित मात्रा लेना कभी नहीं भूलना चाहिए। औसतन हमें एक दिन में 8-12 ग्लास या 3 से 4 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। अगर आप ज्यादा मेहनत वाला काम करते हैं, तो पानी की जरूरत और भी ज्यादा होती है।
भोजन में कुछ कारमेटिव को शामिल करें
कारमेटिव खाद्य पदार्थ शरीर की पाचन तंत्र को शांत करते हैं । कुछ आम कारमेनेटिव जीरा, अदरक, दलिया, इलायची, दालचीनी और सौंफ हैं, जबकि जीरा काले सेम के पाचन के साथ मदद करता है, पका हुआ दलिया पेट को शांत रखता है।
प्रोबायोटिक्स वाले आहार
एक्सपर्ट्स के अनुसार, आंतों के रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी बीमारियों को दूर करने में प्रोबायोटिक्स बहुत मददगार होता है। हमारी आंत असंख्य बैक्टेरिया से भरी होती है। इनमें से कुछ हमारे शरीर के लिए रोग का कारण भी हो सकते हैं और जो अच्छे होते हैं, वे भोजन को पचाने का काम करते हैं तथा पाचन तंत्र को संतुलित रखने का काम करते हैं। प्रोबायोटिक भोज्य पदार्थों के सेवन से आंतों की कार्यप्रणाली को सशक्त बनाया जा सकता है, इन्फेक्शन से बचाव किया जा सकता है। प्रोबायोटिक मुख्यत: डेयरी प्रोडक्ट में ही होता है, जैसे दूध व दही।
भोजन के बीच अंतराल जरूरी
हर समय खाते रहने की आदत आंतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं होती है। क्योंकि आंतों को साफ, बैक्टीरिया और अपशिष्ट मुक्त करने के लिए, पाचन को आराम देने की जरूरत होती है। हर दो घंटे के बाद कुछ मिनट के लिए आपकी आंतों में मौजूद चिकनी मसल्स पाचन तंत्र के माध्यम से बैक्टीरिया और अपशिष्ट को बाहर निकालती है। लेकिन खाते समय यह प्रक्रिया रूक जाती है। इसलिए आंतों को स्वस्थ रखने के लिए दो भोजन के बीच थोड़ा सा अंतराल होना जरूरी होता है।
0 Comments