क्या आपने कभी सोचा है कि छोटा सा बच्चा जब पैदा होता है तो पहले ही साल में अपने वज़न को ३ से ४ गुना बढ़ा लेता है |
इसका मतलब यह हुआ कि इस एक साल में उसकी हडिडयां, मांसपेशिया, बेबी फैट व शरीर के अन्य अंग कितनी तेजी से बढ़े |
अगर हम ध्यान से देखें इस एक वर्ष में बच्चे ने क्या खाया | ज्यादातर माताएं बच्चे को ६० से ८० प्रतिशत अपना दूध देती हैं और २० से ३० प्रतिशत के आस-पास अन्य पतले घोल जैसी खुराक देती हैं |
आओ देखें कि मां के दूध में क्या-क्या होता हैं ?
मां के दूध में पहले एक सप्ताह तक कोलोस्ट्रम की वजह से ५.३ प्रतिशत काब्रोहइड्रेट्स , २.९ प्रतिशत फैट तथा ३.७ प्रतिशत प्रोटीन, ६.३० से ७.३० प्रतिशत काब्रोहइड्रेट्स होती हैं और एक सौ
ऐम ऐल दूध ६० से ७५ किलो कैलोरीज़ प्रदान करता हैं |
इसका तत्प्रय यह हुआ कि अगर मां के दूध को सुखा दिया जाए और १०० ग्राम दूध पाऊडर में १० प्रतिशत प्रोटीन, ३० प्रतिशत फैट और ६० प्रतिशत काब्रोहइड्रेट्स होगे |
जिस प्रकार बच्चे की शरीरक ग्रोथ बढ़ती हैं उसको देख कर यही निष्कर्ष निकलता हैं कि शरीर को १० से १५ प्रतिशत प्रोटीन की आवश्यकता कतई ही नहीं हैं | ऐसा ही वर्ल्ड हैल्थ ओर्गेनाइज़ेशन और अमेरिकन आर.डी.ए ने सुझाया हैं |
अगर हम यह सोचे कि हमें विभिन्न कामकाज में, व्यायाम में, अपने शरीर को प्रयोग करना हैं तो हमें १५ से २० प्रतिशत प्रोटीन की आवशयकता हो सकती हैं तो यह कुछ न कुछ समझ आता हैं परंतु ३० से ४० प्रतिशत प्रोटीन की आवश्यकता कतई ही नही हैं | अगर हम ऐसा करते हैं तो शरीर में विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव अवश्य होंगे |
जरूरत से ज्यादा प्रोटीन हमारे शरीर में विभिन्न विकार उत्पन्न कर सकता हैं जैसे कि कब्ज़, हमारी अंतड़ियों की विभिन्न बीमारियां टोक्सीमिया, एमिन्युटी डिस्फंक्शन, जोड़ों आदि कि दर्द, जल्दी बुढ़ापा, लिवर डिस्फंक्शन, किडनी फेलियर, अोसिटीप्रोसिस, कैंसर तथा दिल की बीमारियां, दिमागी विकार जैसे विभिन्न रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं |
इसलिए हमें अपनी खुराक कुदरती कुदरती खाद्य तत्वो पर आधारित खाने चाहिए और सप्लीमेंट वही बढ़िया हैं जो ज्यादा से ज्यादा कुदरती तत्वों से भरपूर हों और उनकी प्रोटीन की मात्रा या प्रतिशत २० से ३५ प्रतिशत से ज्यादा न हो ताकि जब हम उन्हें दूध में, जूस में या पानी में डालकर पीए तो प्रोटीन का प्रतिशत हमारे शरीर की जरूरत कि हिसाब से ही रहे | सप्लीमेंट का यह प्रमाणित फायदा हैं कि उनका प्रोटीन कुदरती खाद्य पदार्थो से प्राप्त किया होता हैं और उन्हें कम तापमान में साफ सुथरे वातावरण में बनाया गया होता हैं | इसलिए सप्लीमेंट लेने से पहले यह अवश्य जान लें कि उन्हें बनाने वाली कम्पनी क्या एक प्रमाणित और विश्वसनीय कम्पनी हैं|
Importance of Cardio Training and Why it’s Essential
Cardiovascular training, also known as aerobic training, is any form of exercise that elevates the heart rate due to the repeated contraction of muscles while utilizing the aerobic and even, at times, the anaerobic energy system. In other terms, cardio training is any...
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